डीएम साहब, जिला पंचायती राज अधिकारी कार्यालय चढ़ा भ्रष्टाचार की भेंट
जांच में 7 लाख से अधिक का गबन पाया गया, फिर भी नहीं हुई कार्रवाई

बांदा
कमासिन विकासखंड के ग्राम पंचायत तिलौसा में भ्रष्टाचार का मामला सुर्खियों में है। ग्राम पंचायत के एक दर्जन से अधिक ग्रामीणों और पंचायत सदस्यों ने 26 मार्च 2025 को जिला अधिकारी बांदा को शपथपत्र सहित शिकायत देकर पंचायत में हुए गबन और भ्रष्टाचार की जांच की मांग की थी।
डीएम के आदेश पर सीडीओ कार्यालय के माध्यम से मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी को जांच अधिकारी नामित किया गया था। जांच लगभग दो महीने पहले पूरी होकर जिला पंचायती राज अधिकारी कार्यालय में जमा की जा चुकी है।
जांच रिपोर्ट में ग्राम प्रधान और सचिव दोनों को लाखों रुपये के गबन का दोषी पाया गया है।
ग्रामीणों का आरोप है कि जांच पूरी होने के बाद भी पिछले छह महीने से कार्रवाई रोक दी गई है। शिकायतकर्ता गजराज सिंह ने बताया कि ग्रामीणों ने अब तक लगभग 50 बार जिला पंचायत राज अधिकारी कार्यालय के चक्कर लगाए हैं, लेकिन जांच रिपोर्ट नहीं दिखाई जा रही है।
गजराज सिंह ने आरोप लगाया कि ग्राम सचिव धर्मेंद्र प्रजापति, जो वर्तमान में एडीओ पंचायत के पद पर कार्यरत हैं और छह ग्राम पंचायतों का चार्ज संभाल रहे हैं, ने जिला पंचायत राज अधिकारी को मोटी रकम देकर जांच दबा दी है।
उन्होंने कहा कि जांच में लगभग 7 लाख रुपये से अधिक का गबन साबित हुआ है, फिर भी सचिव के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई।
शिकायतकर्ता ने बताया कि 16 सितंबर को वह दोबारा कार्यालय पहुंचे थे, तब उन्हें कहा गया कि जांच डीएम कार्यालय में है और एक सप्ताह में रिपोर्ट दी जाएगी। लेकिन आज पुनः पहुंचने पर कार्यालय के बाबू ने जांच दिखाने से साफ इनकार कर दिया।
गजराज सिंह ने चेतावनी दी है कि अगर एक सप्ताह में जांच रिपोर्ट नहीं दी गई तो वह डीएम बांदा को पार्टी बनाकर न्यायालय में याचिका दायर करेंगे।
इस संबंध में जब जिला पंचायत राज अधिकारी राजेंद्र प्रसाद से पूछा गया, तो उन्होंने बताया कि “जांच पूरी हो चुकी है और आज पीड़ित कार्यालय आए थे, परंतु मीटिंग चल रही थी, इसलिए उन्हें रिपोर्ट नहीं दी जा सकी।”
जब उनसे पूछा गया कि सचिव धर्मेंद्र प्रजापति के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं हुई, तो उन्होंने कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया।
वहीं, इस मामले में जब मुख्य विकास अधिकारी से संपर्क करने की कोशिश की गई, तो उनका फोन स्विच ऑफ मिला।
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बांदा (उत्तर प्रदेश)



