दलित और सहरिया महिलाओं की गूंज — जनी अधिकार सम्मेलन में उठी समानता और सम्मान की मांग
मड़ावरा में दो दिवसीय “तलाश” कार्यक्रम में 250 महिलाओं ने साझा किए संघर्ष और हौसले की कहानियां

ललितपुर
मड़ावरा ब्लॉक के देवा मैरिज गार्डन में सहजनी शिक्षा केंद्र के तत्वावधान में दो दिवसीय जनी अधिकार समिति सम्मेलन “तलाश” का आयोजन 30 और 31 अक्टूबर को संपन्न हुआ। इस सम्मेलन में ललितपुर जिले के चार ब्लॉकों — महरौनी, मड़ावरा, बिरधा और जखौरा — से आई करीब 250 ग्रामीण महिलाएं, प्रशासनिक अधिकारी, सामाजिक संस्थाओं के प्रतिनिधि और मीडिया साथी शामिल हुए।
इस सम्मेलन का उद्देश्य ग्रामीण महिलाओं को उनके अधिकारों, चुनौतियों और अनुभवों को साझा करने का मंच देना था। कार्यक्रम के दौरान महिलाओं ने अपने मुद्दों पर गीत, नाटक, नारे, पैनल चर्चा और समूह संवाद जैसे माध्यमों से खुलकर विचार रखे।
महिलाओं ने कहा कि गैर-बराबरी, हिंसा और सामाजिक भेदभाव जैसी समस्याओं का सबसे अधिक प्रभाव दलित और सहरिया समुदाय की महिलाओं पर पड़ता है। लेकिन अब ये महिलाएं डरने या चुप रहने वाली नहीं हैं, बल्कि अपने हक की लड़ाई खुद लड़ने के लिए तैयार हैं।
एक सहभागी महिला ने कहा कि “हमारी आवाजें अब दीवारों से टकराकर नहीं लौटेंगी, अब बदलाव गांवों की मिट्टी से उठेगा।” कार्यक्रम में महिलाओं ने इस बात पर सहमति जताई कि शिक्षा, स्वास्थ्य, समानता और सामाजिक न्याय के लिए सामूहिक रूप से काम करना ही असली सशक्तिकरण है।
दो दिवसीय विचार-विमर्श में यह भी तय हुआ कि गांवों में महिलाओं के अधिकार, बाल विवाह, घरेलू हिंसा और पंचायत स्तर पर महिला नेतृत्व को बढ़ावा देने के लिए अभियान चलाया जाएगा।
कार्यक्रम में सहजनी शिक्षा केंद्र की संस्थापक मीना, कनीजा, राजकुमारी, कुसुम, नन्ही, ग्यासी और समस्त सहजनी स्टाफ की सक्रिय भागीदारी रही। सम्मेलन का समापन महिलाओं के सामूहिक संकल्प और “हम बदलेंगे, समाज बदलेगा” के नारों के साथ हुआ।
रिपोर्ट – आर. के. पटेल
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