
मड़ावरा / ललितपुर
थाना गिरार क्षेत्र के ग्राम इमलिया खुर्द में सोमवार दोपहर करीब 3:30 बजे एक दर्दनाक हादसा हो गया। बोरवेल के लिए बिजली की डोरी डाल रहे युवक की करंट लगने से मौके पर ही मौत हो गई, जबकि दो लोग गंभीर रूप से झुलस गए। घटना ने पूरे इलाके में सनसनी फैला दी है।
ग्राम इमलिया खुर्द निवासी मनोज पुत्र अठईयां अपने खेत पर बोरवेल के लिए डोरी डाल रहा था। उसके साथ उसका भाई महीपा पुत्र अठईयां और भतीजा सुमित पुत्र महीपा मौजूद थे। इसी दौरान ललजु उर्फ ललन्जु नामक युवक, जो स्थानीय लाइनमैन सूरज कुशवाहा का खास व्यक्ति बताया जा रहा है, लाइन जोड़ने का काम कर रहा था। उसने मनोज से कहा कि “लाइन का शटडाउन है, आप तार पकड़कर अलग कर दीजिए।”
मनोज ने जैसे ही तार पकड़ा, अचानक तेज करंट दौड़ गया। वह तार में लिपट गया और छूट नहीं सका। यह दृश्य देखकर उसका भाई महीपा उसे बचाने दौड़ा, लेकिन वह भी करंट की चपेट में आ गया। इसके बाद महीपा का पुत्र सुमित भी अपने पिता को बचाने गया, जिससे उसके दोनों हाथ बुरी तरह झुलस गए।
ग्रामीणों ने किसी तरह तीनों को करंट से अलग किया और तत्काल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मड़ावरा ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने मनोज पुत्र अठईयां को मृत घोषित कर दिया। वहीं गंभीर रूप से झुलसे महीपा और सुमित को जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया।
परिजनों ने बताया कि ललजु उर्फ ललन्जु ने मनोज से कहा था कि शटडाउन लिया जा चुका है और 5000 रुपये लेकर लाइन जोड़ने का अवैध सौदा किया था। जबकि बिजली की सप्लाई उस वक्त चालू थी। यह हादसा विद्युत विभाग की गंभीर लापरवाही और अवैध वसूली तंत्र का नतीजा बताया जा रहा है।
ग्रामीणों ने बताया कि यह पहली घटना नहीं है जो बिजली से हुई हो। ऐसी कई घटनाएँ पहले भी हो चुकी हैं, पर हर बार इन्हें गोलमोल करके खत्म कर दिया जाता है। जब किसानों को खेतों पर लगे ट्यूबवेल के लिए बिजली की जरूरत होती है, तो गाँव-गाँव में फैले दलाल रूपी कर्मचारी, जो लाइनमैन के करीबी होते हैं, मनमर्जी से लाइनों को जोड़ते और काटते हैं। ये लोग अवैध रूप से रुपए लेकर कनेक्शन चालू करते हैं और दुर्घटनाएँ आम हो चुकी हैं।
स्थानीय लोगों का कहना है कि जब इस विषय में संबंधित उपखंड अधिकारियों से बात की जाती है, तो वे जिम्मेदारी से बचते हुए मामले को टालमटोल में खत्म कर देते हैं। यह मिलीभगत और लापरवाही ही है कि गांवों में बार-बार ऐसी घटनाएं घट रही हैं और कोई ठोस कार्रवाई नहीं होती।
इस हादसे में मृतक मनोज के परिवार में तीन छोटे बच्चे हैं — दो बेटे और एक बेटी। परिवार का रो-रोकर बुरा हाल है। ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से मांग की है कि मृतक के परिजनों को आर्थिक सहायता दी जाए और दोषी लाइनमैन व उसके सहयोगियों पर सख्त कार्रवाई की जाए।
वहीं विद्युत विभाग के अधिकारियों ने कहा कि मृतक का कोई पंजीकृत विद्युत कनेक्शन नहीं था। उन्होंने कहा कि मामले की जांच की जा रही है और यदि कोई विभागीय कर्मचारी या ठेकेदार दोषी पाया गया तो उस पर कठोर कार्रवाई की जाएगी।
गांव में इस हादसे के बाद गुस्सा और दुख दोनों है। ग्रामीणों का कहना है कि जब तक बिजली विभाग के अवैध नेटवर्क और दलाली पर रोक नहीं लगेगी, तब तक ऐसे हादसे होते रहेंगे।
रिपोर्ट – आर. के. पटेल
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