क्या मड़ावरा में अब साकार होगा सरदार पटेल का सपना?
भव्य जुलूस, हजारों की भीड़ और मंत्री के 11 लाख के वादे के साथ गूंजा एकता का संदेश

- ललितपुर,
मड़ावरा में शुक्रवार को लौहपुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती ऐतिहासिक उत्साह और राष्ट्रीय एकता के संकल्प के साथ मनाई गई। सरदार पटेल सेवा समिति और सरदार सेना मड़ावरा के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित इस आयोजन में हजारों की भीड़ उमड़ी।
कार्यक्रम की शुरुआत दोपहर 12 बजे नवीन गल्ला मंडी से भव्य शोभायात्रा के साथ हुई, जो नगर के प्रमुख मार्गों से गुजरते हुए ब्लॉक सभागार तक पहुंची। शोभायात्रा में देशभक्ति गीतों और सरदार पटेल के जीवन पर आधारित झांकियों ने लोगों का मन मोह लिया।
सभागार में पहुंचकर अतिथियों ने सरदार पटेल की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। वक्ताओं ने कहा कि सरदार पटेल ने जिस दृढ़ इच्छाशक्ति और दूरदृष्टि से देश की 562 रियासतों को एक सूत्र में बांधा, वही आज के भारत की नींव है।
कार्यक्रम में श्रम एवं सेवायोजन राज्य मंत्री मनोहर लाल पंत (मन्नू कोरी), एमएलसी श्रीमती रमा आरपी निरंजन, राज्य महिला आयोग सदस्य श्रीमती अर्चना पटेल, भाजपा क्षेत्रीय उपाध्यक्ष हरि ओम निरंजन, राष्ट्रीय अध्यक्ष महिला मंच अपना दल एस श्रीमती दीपमाला कुशवाहा, पूर्व भाजपा अध्यक्ष हरिराम निरंजन, पूर्व सपा अध्यक्ष अल्हा प्रसाद निरंजन, ब्लॉक प्रमुख चंद्रदीप रावत, जिला कुर्मी समाज अध्यक्ष रामसेवक निरंजन, ऊदल पटेल, मनोहर पटेल, वीरेंद्र सिंह ठेकेदार, भारत सिंह लोधी, सुरेश निरंजन, एमएलसी प्रतिनिधि अतुल निरंजन चांदनी कोरी बीजेपी महिला मोर्चा के सक्रिय सदस्य महिला मोर्चा समेत अनेक जनप्रतिनिधि मौजूद रहे।
कार्यक्रम की अध्यक्षता अंगद पटेल प्रधान प्यासा ने की, जबकि आयोजन को सफल बनाने में डॉ बलराम निरंजन, डॉ अवधेश रंजन, डॉ इंद्रपाल सिंह निरंजन, डॉ आर एस पटेल, दिनेश पटेल, दीपेश पटेल, बबलू पटेल, सुखराम पटेल, डॉ रामपाल निरंजन, संजीव पटेल और सरदार सेना मड़ावरा के युवाओं का विशेष योगदान रहा।
मंत्री मनोहर लाल पंत (मन्नू कोरी) ने कहा कि सरदार पटेल का जीवन अनुशासन, त्याग और राष्ट्रनिष्ठा का उदाहरण है। उन्होंने मड़ावरा में सरदार पटेल की प्रतिमा स्थापना के लिए 11 लाख रुपये देने का वादा किया और कहा कि यह प्रतिमा एकता का प्रतीक बनेगी।
श्रीमती रमा आरपी निरंजन ने कहा कि हमें गर्व है कि सरदार पटेल जैसे पुरुष इस धरती पर हुए जिनकी ख्याति केवल भारत ही नहीं, विदेशों तक फैली। उन्होंने कहा कि उन्होंने अपनी शिक्षा विदेश से लेकर देश की स्वतंत्रता तक समर्पित कर दी।

श्रीमती अर्चना पटेल ने कहा कि सरदार पटेल जन-जन के नेता थे, जिन्होंने देश को एक सूत्र में जोड़ा और भारत को अखंडता की पहचान दी।
श्रीमती दीपमाला कुशवाहा ने कहा कि सरदार पटेल किसी जाति या समाज विशेष के नहीं बल्कि सम्पूर्ण भारत के शिल्पी थे।
ऊदल पटेल ने कहा कि सरदार पटेल ने दिखाया कि दृढ़ इच्छाशक्ति और संगठन से कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं होता। उन्होंने युवाओं से उनके आदर्शों को अपनाने का आह्वान किया।

सुजान सिंह पटेल, जिला अध्यक्ष बुंदेलखंड कुर्मी क्षत्रिय महासभा व बुंदेलखंड कुर्मी क्षत्रिय कल्याण समिति ललितपुर ने कहा कि कुर्मी समाज के युवाओं को शिक्षा के क्षेत्र में आगे आना चाहिए। सरदार वल्लभभाई पटेल के पदचिह्नों पर चलना ही उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी। उन्होंने कहा कि युवाओं को उनके राष्ट्रहित के कार्यों को पढ़कर उनसे प्रेरणा लेनी चाहिए और समाज को शिक्षा, राजनीति और विकास के क्षेत्र में आगे बढ़ाने के लिए एक-दूसरे का सहयोग करना चाहिए।
सभा में नागरिकों ने भी कहा कि वर्षों से प्रतिमा स्थापना का वादा किया जा रहा है, लेकिन अब समय आ गया है कि यह सपना साकार हो।
कार्यक्रम के दौरान सभी अतिथियों का माल्यार्पण कर स्वागत किया गया और उन्हें सरदार पटेल की स्मृति चिह्न भेंट किए गए। पूरा आयोजन अनुशासन, उत्साह और देशभक्ति की भावना से ओतप्रोत रहा।
इस अवसर पर प्रधानमंत्री के निर्देशानुसार ललितपुर जनपद के सभी स्कूलों, संस्थानों और गांवों में भी सरदार वल्लभभाई पटेल जयंती को राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाया गया।
रिपोर्ट – आर. के. पटेल
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