क्या विकास के दावे सिर्फ कागजों तक सीमित हैं — ब्लॉक बिरधा का बालाबेहट गांव अब भी बदहाली की मार झेल रहा
टूटी सड़कें, कीचड़ से भरी गलियां और अनदेखी के बीच नाराज ग्रामीण बोले — अब नहीं तो आंदोलन करेंगे

ललितपुर
ब्लॉक बिरधा की ग्राम पंचायत बालाबेहट में विकास के सरकारी दावे जमीन पर ध्वस्त होते नजर आ रहे हैं। गांव की गलियों में टूटी सड़कें, उखड़ी हुई पट्टियाँ और जगह-जगह जमा कीचड़ ग्रामीणों के लिए रोजमर्रा की मुसीबत बन चुकी हैं। बरसात के बाद तो हालात इस कदर बिगड़ गए हैं कि लोगों का घर से बाहर निकलना तक मुश्किल हो गया है।
मुख्य गली से लेकर मोहल्लों तक सड़कों पर बने गड्ढे और उभरे पत्थर राहगीरों और वाहनों के लिए खतरा बन गए हैं। बच्चे और बुजुर्ग हर कदम पर गिरने के डर से जूझ रहे हैं। गांव की महिलाओं ने बताया कि गलियों में कीचड़ के कारण स्कूल जाने वाले बच्चों और मरीजों को अस्पताल तक पहुंचने में भारी परेशानी होती है।
ग्रामीणों का कहना है कि पिछले कई सालों से सड़क मरम्मत की कोई पहल नहीं हुई। कई बार शिकायतें ब्लॉक और पंचायत स्तर पर की गईं, मगर किसी ने सुनवाई नहीं की। बारिश के दिनों में गलियां तालाब जैसी हो जाती हैं, लेकिन जिम्मेदार अधिकारी मौके पर झांकने तक नहीं आते।
स्थानीय निवासी रामदास, शिवकुमार और कमलेश का कहना है कि अधिकारियों की अनदेखी ने गांव को दुर्दशा में धकेल दिया है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि शीघ्र ही सड़क मरम्मत का कार्य शुरू नहीं हुआ तो ग्रामीण सामूहिक आंदोलन करेंगे और इसकी शिकायत उच्चाधिकारियों तक पहुंचाई जाएगी।
बालाबेहट गांव की यह तस्वीर विकास योजनाओं पर गंभीर सवाल खड़े करती है। ग्राम पंचायत और विभागीय स्तर पर त्वरित कार्रवाई की मांग अब ग्रामीणों की जुबान पर है।
रिपोर्ट – आर. के. पटेल
जिला ब्यूरो – ललितपुर
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