ललितपुर।
जिले में जेल सुरक्षा व्यवस्था पर बड़ा सवाल तब खड़ा हो गया जब तिहाड़ जेल से ललितपुर जेल शिफ्ट किए गए कुख्यात गैंगेस्टर ज्ञानेंद्र उर्फ ढाका द्वारा जेल के अंदर से ही रंगदारी मांगने का मामला सामने आया। इस मामले में स्कूल प्रबंधक कृष्णपाल राणा ने पुलिस को तहरीर देकर कहा कि उन्हें जेल से फोन कर जान से मारने की धमकी दी गई और अवैध धन की मांग की गई।
जांच में सामने आया कि ललितपुर जेल में ही बंद कैदी सतीश यादव निवासी तालाबपुरा की दोस्ती ढाका से हो गई थी। सतीश यादव जेल से बाहर आते ही मोबाइल फोन की सिम ढाका तक पहुंचाने में मददगार बना। इसी सिम और मोबाइल की मदद से ढाका ने जेल के अंदर से ही रंगदारी और फिरौती मांगना शुरू कर दिया। इस पूरे नेटवर्क का खुलासा तब हुआ जब बागपत पुलिस ने ढाका के खिलाफ रंगदारी के एक मुकदमे की जांच में इसे उजागर किया।

जांच रिपोर्ट सामने आने पर जिला प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई की है। जेलर जीवन सिंह, उप कारापाल प्रिंस बाबू और जेल वार्डर आकाश को कर्तव्यों में लापरवाही, जेल में सुरक्षा और निगरानी व्यवस्था में शिथिलता बरतने के आरोप में तत्काल निलंबित कर दिया गया है। इसके साथ ही मोबाइल, सिम कॉर्ड और पूरी सप्लाई चेन की भूमिका को लेकर विस्तृत जांच जारी है।

पुलिस अब यह भी पता लगा रही है कि जेल में मोबाइल कैसे पहुंचा, किन लोगों की भूमिका रही और क्या इस नेटवर्क में बाहरी लोग भी शामिल थे। प्रशासन का कहना है कि जेल के भीतर संगठित अपराध की किसी भी कोशिश को पूरी तरह कुचल दिया जाएगा।
रिपोर्ट – आर. के. पटेल
जिला ब्यूरो – ललितपुर
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