पिंजरों से आज़ाद हुए तोते, बबीना में चला बड़ा रेस्क्यू अभियान
आईबीसीएस और वन विभाग की संयुक्त टीम ने अवैध कैद से छुड़ाए कई देशी पैराकीट
ललितपुर,
झांसी के बबीना क्षेत्र में भारतीय जैव-विविधता संरक्षण सोसायटी (आईबीसीएस) और वन विभाग की संयुक्त टीम ने एक महत्वपूर्ण रेस्क्यू अभियान चलाकर पिंजरों में कैद रखे गए कई देशी तोतों को मुक्त कराया। सूचना मिलते ही टीम मौके पर पहुँची और सभी पक्षियों को सुरक्षित निकालकर वन विभाग की कस्टडी में ले लिया गया।
रेस्क्यू की गई प्रजातियों में रोज़-रिंग्ड पैराकीट और पल्म-हेडेड पैराकीट शामिल थीं। सुंदर रंग और बोलने की नकल की क्षमता के कारण लोग अक्सर इन्हें पालतू बना लेते हैं, जबकि यह पूरी तरह अवैध है।
वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 के अनुसार भारत में सभी देशी तोते संरक्षित हैं। इन्हें **पकड़ना, रखना, खरीदना, बेचना, परिवहन करना**—सब कानूनन अपराध की श्रेणी में आता है। ऐसे मामलों में तीन वर्ष तक की कैद, पच्चीस हजार रुपये तक का जुर्माना या दोनों हो सकते हैं। पुनरावृत्ति होने पर सजा और भी कठोर हो जाती है।
रेस्क्यू के बाद आईबीसीएस विशेषज्ञों ने सभी पक्षियों का स्वास्थ्य परीक्षण किया। स्वस्थ पाए गए पक्षियों को उनके प्राकृतिक आवास में छोड़ दिया गया, जबकि कुछ को निगरानी में रखा गया है।
आईबीसीएस और वन विभाग ने नागरिकों से अपील की है कि किसी भी वन्यजीव को पिंजरे में न रखें। यदि कहीं भी अवैध कैद या पालतू रूप में रखे जा रहे देशी पक्षी दिखाई दें तो तत्काल वन विभाग को सूचना दें। यह अभियान स्थानीय स्तर पर व्यापक सराहना प्राप्त कर रहा है और वन्यजीव संरक्षण के प्रति मजबूत संदेश दे रहा है।
इस संयुक्त अभियान में आईबीसीएस से डॉ. सोनिका कुशवाहा, धर्मेंद्र सिंह (जिला समन्वयक, झांसी), हरेंद्र तथा वन विभाग से कौशलेंद्र सिंह तोमर (फॉरेस्टर), आकाश (फॉरेस्ट गार्ड), रामदयाल (फॉरेस्ट गार्ड) और शेरसिंह (कर्मी) शामिल रहे।
रिपोर्ट – आर. के. पटेल (ललितपुर)
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