
मऊ
मोहम्मदाबाद गोहना
नगर पंचायत मोहम्मदाबाद गोहना स्थित नदी रोड पर चल रहे आठ दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा यज्ञ की अंतिम दिन सुदामा एवं राजा परीक्षित मोक्ष की कथा को कहते हुए वृंदावन मथुरा से पधारे नारायण दत्त शास्त्री ने इस कथा का वर्णन किया इस कथा को सुनकर भक्त कर भाव विभोर हो गए उन्होंने परम भक्त जितेंद्रिय सुदामा जी भगवान कृष्ण के अनन्य मित्र थे। उन्होंने भिक्षा मांगकर अपने परिवार का पालन पोषण किया। अत्यंत गरीबी और विपन्नता के बाद भी उन्होंने हमेशा सदमार्ग और कर्तव्य परायणता के मार्ग का अनुशीलन किया। सुदामा जी को भगवान पर दृढ़ विश्वास था, वे सदा ईश्वर में निमग्न रहते। उनकी पत्नी सुशीला सुदामा से बार बार आग्रह करती कि आपके मित्र तो द्वारकाधीश हैं, उनसे जाकर मिल आइये। शायद वह हमारी कुछ मदद कर दें।
पत्नी के कहने पर सुदामा जी द्वारका पहुंचते हैं। द्वारपाल सुदामा के आगमन की सूचना भगवान कृष्ण को देते हैं। द्वारपाल कहता है सुदामा नाम का कोई ब्राह्मण आया है। यह सुनकर द्वारकाधीश भगवान श्री कृष्ण नंगे पैर दौड़े आते हैं और अपने मित्र को गले लगा लेते हैं। सुदामा की दीन दशा देखकर भगवान की आंखों से अश्रुधारा निकल पड़ती है। भगवान की पटरानियां यह देखकर विस्मित रह जाती हैं।फिर बालसखा को अपने सिंहासन पर बिठाकर भगवान श्री कृष्ण उनके चरण धोते हैं। मित्र सुदामा से भेंट में लाई गई मुट्ठी भर चावल की पोटली छीनकर चाव से खाते हैं। द्वारकापुरी में सुदामा जी की खूब सेवा की जाती है। सभी पटरानियां सुदामा जी से आशीर्वाद लेती हैं। फिर सुदामा जी विदा लेकर अपने निजस्थान को प्रस्थान करते हैं। निजधाम में आकर उन्हें आश्चर्य होता है। भगवान की कृपा से पर्णकुटीर के स्थान पर एक महल बना पाते हैं और पत्नी तथा बच्चों को राजसिक वस्त्र आभूषणों में पाते हैं। इस तरह दीनहीन सुदामा जी पर भगवान की कृपासुधा बरसती है और वह परिवार के साथ सुखी जीवन बिताते हैं। इस कथा के दौरान सैकड़ो की संख्या में महिलाएं पुरुष तथा भक्तों ने इस कथा का रसपान करते हुए भगवान श्री कृष्ण एवं सुदामा की जय जयकार करने लगे अंत में आरती के पश्चात प्रसाद वितरित किया गया जबकि रविवार को अंतिम दिन हवन पूजन के पश्चात भव्य भंडारे में भी लोगों ने पहुंचकर प्रसाद ग्रहण कर अपने को कृतज्ञ हुए इस अवसर पर राधिका जायसवाल शैलेंद्र जायसवाल शरद जायसवाल गोपाल हरिप्रसाद कृष्णा द्वारपाल जायसवाल राजेश कुमार समेत सैकड़ो की संख्या में महिलाएं तथा पुरुषों ने पहुंचकर प्रसाद ग्रहण कर अपने को कृतज्ञ हुए।

रिपोर्ट –अजीत पटेल।



