WEBSTORY
आयोजनउत्तर प्रदेशकार्यवाहीकृषिप्रसासन

डीएम अनुनय झा ने जानिए क्यों दिये कंबाइनो को सीज करने के आदेश

खबरदार: अगर आप भी पराली जलाने जा रहे हैं तो भारी जुर्माने के लिए हो जाइये तैयार

सेटलाइट से प्रशासन रख रही है नजर साथ ही कंबाइन मशीनों को भी सीज करने का जारी हुआ आदेश

 

महराजगंज

पराली जलाने की घटनाओं पर प्रभावी अंकुश लगाने के लिए जिलाधिकारी अनुनय झा ने आज एक अहम बैठक की। इस बैठक में उन्होंने सभी एसडीएम, बीडीओ और कृषि विभाग के अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए चर्चा की और पराली जलाने की घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाने का निर्देश दिया।

 

जिलाधिकारी ने अधिकारियों से कहा कि पराली जलाने के मामलों में कड़ी विधिक कार्रवाई की जाए। उन्होंने सभी एसडीएम को अपने क्षेत्र के लेखपालों को सक्रिय करने और पराली जलाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का आदेश दिया। साथ ही, उन कंबाइन मशीनों को तत्काल सीज करने का भी निर्देश दिया जो बिना पराली प्रबंधन प्रणाली के चल रही हैं। पराली जलाने वालों पर निर्धारित जुर्माना व आर्थिक दंड की कार्रवाई करने की भी बात कही।

 

जिलाधिकारी ने इस दौरान कहा कि पराली जलाना केवल पर्यावरण के लिए हानिकारक नहीं है, बल्कि यह लोक व्यवस्था के लिए भी गंभीर समस्या बन गया है। उन्होंने कहा कि यह समस्या बढ़ने से स्वास्थ्य पर प्रतिकूल असर पड़ता है, साथ ही धुएं के कारण जनजीवन अस्त-व्यस्त हो जाता है। उन्होंने कृषि विभाग के उपनिदेशक को सचल दल को सक्रिय करने का कड़ा निर्देश दिया और प्रत्येक न्याय पंचायत स्तर पर गोष्ठियों का आयोजन करने की बात कही।

 

इसके अलावा, जिलाधिकारी ने ग्राम प्रधानों से यह सुनिश्चित करने को कहा कि क्षेत्र में पराली जलाने की घटनाएं न हो। साथ ही, किसानों को पराली जलाने के दुष्परिणामों से अवगत कराते हुए उन्हें वैकल्पिक उपायों के लिए प्रेरित किया जाए। उन्होंने हार्वेस्टर मालिकों से बैठक करने का भी निर्देश दिया, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कंबाइन हार्वेस्टर में सुपर स्ट्रा मैनेजमेंट सिस्टम (SMS) का उपयोग किया जाए, या फिर खेतों में फसल अवशेष प्रबंधन यंत्रों का प्रयोग अनिवार्य रूप से हो।

20250815_154304

 

सैटेलाइट निगरानी से होगी सख्ती

 

बैठक के दौरान जिला कृषि अधिकारी ने बताया कि अब सैटेलाइट से पराली जलाने की घटनाओं पर निगरानी रखी जा रही है। जिले के सभी स्तरों पर प्रशासनिक अधिकारियों को इस पर नजर रखने के लिए जिम्मेदारियां सौंपी गई हैं। समस्त थानाध्यक्षों को पराली जलाने की घटनाओं की रोकथाम के लिए क्षेत्र में लगातार भ्रमण करने के निर्देश दिए गए हैं।

 

सैटेलाइट से निगरानी के दौरान पराली जलाने की घटना सामने आने पर कृषि और राजस्व विभाग के कर्मचारी घटना का सत्यापन करेंगे। इसके बाद, राष्ट्रीय हरित अधिकरण अधिनियम के तहत पर्यावरण क्षतिपूर्ति की वसूली की जाएगी। 2 एकड़ से कम क्षेत्र में पराली जलाने पर 2,500 रुपये, 2 से 5 एकड़ तक के क्षेत्र में 5,000 रुपये और 5 एकड़ से अधिक क्षेत्र में 15,000 रुपये तक पर्यावरण क्षतिपूर्ति वसूली का प्रावधान है।

 

कृषि विभाग के अधिकारियों द्वारा किसानों को इस बात के लिए प्रेरित किया जा रहा है कि वे पराली जलाने के बजाय कृषि अवशेषों का प्रबंधन सही तरीके से करें। साथ ही, उन्हें यह भी बताया जा रहा है कि यदि वे कंबाइन हार्वेस्टर में सुपर एसएमएस का प्रयोग नहीं करते हैं तो वे दंडात्मक कार्यवाही के अंतर्गत आएंगे।

 

ग्राम प्रधानों और पंचायत अधिकारियों को यह निर्देश दिया गया है कि वे किसी भी हालत में अपने क्षेत्रों में पराली जलने की घटनाओं को न होने दें और इसके लिए सभी किसानों को कड़े संदेश दें।

 

जिलाधिकारी के इन निर्देशों से यह स्पष्ट हो गया है कि प्रशासन पराली जलाने की घटनाओं पर अब कोई ढिलाई नहीं बरतेगा और सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी ताकि पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने की इन गतिविधियों पर काबू पाया जा सके।

रिपोर्ट –ब्यूरो चीफ धनंजय पटेल (महराजगंज)

Related Articles

Back to top button
Social Media Auto Publish Powered By : XYZScripts.com
error: Content is protected !!
google.com, pub-9022178271654900, DIRECT, f08c47fec0942fa0