मड़ावरा में अग्निशमन केंद्र न होने से कारीटोरन के किसानों के अरमानों पर फिरा पानी, करीब 100 एकड़ फसल हुई राख
मड़ावरा में अग्निशमन केंद्र बनाने के लिए जमीन तो एक साल पहले ही चिह्नित कर ली थी, लेकिन बजट के अभाव में निर्माण अब तक लंबित

ललितपुर (मड़ावरा)
अग्निशमन फायर बिग्रेड की अव्यवस्था के चलते किसानों को खून के आंसू रुला दिया जाता है। गेहूं की फसलें पक कर तैयार हैं। कई जगह कटाई-मड़ाई चल रही है। इस बीच माचिस की जलती तीली या बीड़ी-सिगरेट पीकर इसे फेंकने या बिजली के जर्जर तारों के टकराने से निकलने वाली चिनगारी से फसलों में आग लगने की घटनाएं बढ़ जाती हैं। ऐसा बीते सालों में होता भी रहा है, लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में एक भी अग्निशमन केंद्र न होने से किसानों के अरमानों पर पानी फिर जाता है। आग लगने की सूचना पर जब तक जिला मुख्यालय से दमकल की गाड़ियां पहुंचती हैं, तब तक बड़ा नुकसान हो चुका होता है। हालांकि, जिलाधिकारी अक्षय त्रिपाठी ने थाना और चौकी स्तर पर पानी से भरे टैंकर उपलब्ध कराने के निर्देश डीपीआरओ को दिए हैं।
इस समय दिन में अधिकतम तापमान 32 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच रहा है। तेज हवाएं भी चल रही हैं। ऐसे में खेतों में पक कर तैयार फसलों में आग लगने की घटनाएं बढ़ने का खतरा बढ़ जाता है। कारण, खेतों के ऊपर से निकली हाईटेंशन तारों के आपस में टकराने पर चिंगारी फसल पर गिरती है, जिससे आग लगने में देर नहीं लगती। और हुआ भी यही बताते की रविवार को मड़ावरा क्षेत्र के गाँव कारीटोरन में किसानों को बड़ा झटका लगा है आग लगने से करीब 100 एकड़ की फसल जलकर राख हो गई।
मड़ावरा में हर बार की तरह बनी रहती दिक्कत, किसानों को झेलनी पड़ती परेशानी
जिला मुख्यालय से करीब 80 किमी दूर मड़ावरा तहसील पर आग बुझाने का कोई साधन नहीं है। आपात स्थिति में जिला मुख्यालय से फायर ब्रिगेड की गाड़ियां भेजी जाती हैं, लेकिन वहां पहुंचने में करीब दो घंटे का समय लग जाता है। तब तक फसल आग की लपटों से राख हो जाती है। प्रशासन ने मड़ावरा में अग्निशमन केंद्र बनाने के लिए जमीन तो एक साल पहले ही चिह्नित कर ली थी, लेकिन बजट के अभाव में निर्माण अब तक लंबित है।
रविवार को मड़ावरा के कारीटोरन में फसल में लगी आग, किसानों ने रोये खून के आंसू, प्रशासन की व्यवस्था पर उठे सवाल
मड़ावरा तहसील के कारीटोरन गांव में रविवार को एक बड़ी घटना सामने आई। करीब 100 एकड़ में पक चुकी गेहूं की फसल में अचानक आग लग गई। आग ने देखते ही देखते विकराल रूप ले लिया। करीब 100 एकड़ फसल जलकर राख हो गई। किसानों ने तुरंत प्रशासन और फायर ब्रिगेड को सूचना दी। स्थानीय लोगों ने आग बुझाने का प्रयास किया। कोई ट्रैक्टर से खेत जोतने लगा तो कोई लाठियों से फसल को बचाने की कोशिश करने लगा। आस-पास के गांवों से भी लोग मदद के लिए पहुंचे। घंटों की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया गया। लेकिन यहाँ से 80 किमी मुख्यालय पड़ने से फायर बिग्रेड की गाड़ी पहुंचने में काफी वक्त गुजर जाता तब तक तो फसल राख बन जाती।

ये है अग्निशमन विभाग में संसाधन
👉छह पहिया दमकल वाहन – तीन
👉चार पहिया दमकल वाहन – तीन
👉दो पहिया दमकल वाहन – दो
यह अधिकारी व सिपाही हैं तैनात
👉सीएफओ – 01
👉ड्राइवर – 04
👉लीडिंग फायरमैन- 03
👉सिपाही – 28



