
ललितपुर।
जिले की अंतिम तहसील मड़ावरा के दूरदराज स्थित हँसेरा गोरा गाँव में शनिवार को एक विशेष जन चौपाल का आयोजन किया गया। जिलाधिकारी अक्षय त्रिपाठी व पुलिस अधीक्षक की उपस्थिति में ग्रामीणों की समस्याएं सुनी गईं और उनके त्वरित समाधान हेतु संबंधित विभागों को निर्देश भी दिए गए।
चौपाल की सबसे खास बात रही – आदिवासी समुदाय के बच्चों को शिक्षा के लिए प्रेरित करने की पहल। जिलाधिकारी ने इस बात पर गहरी चिंता जताई कि कई बच्चे किसी न किसी कारणवश स्कूल छोड़ चुके हैं। उन्होंने ऐसे बच्चों को चिन्हित कर दोबारा विद्यालय भेजने का निर्देश अधिकारियों को दिया। उन्होंने यह भी कहा कि जिन बच्चों की आर्थिक स्थिति कमजोर है, उनकी फीस माफ कर पढ़ाई की व्यवस्था की जाएगी।
सहिया समुदाय के लोगों से भी जिलाधिकारी ने अपील की कि वे अपने बच्चों को शिक्षा से जोड़ें ताकि उनका भविष्य बेहतर बन सके। उन्होंने कहा, “हमारे समाज की तरक्की तभी संभव है जब हर बच्चा शिक्षित होगा।”
चौपाल के दौरान सड़क, नाली, बिजली और जल समस्या जैसी बुनियादी सुविधाओं को लेकर ग्रामीणों ने अपनी समस्याएं रखीं। डीएम ने संबंधित अधिकारियों को इन सभी समस्याओं के शीघ्र निस्तारण के निर्देश दिए।
इस अवसर पर पुलिस अधीक्षक ने ग्रामीणों को सामाजिक बुराइयों से दूर रहने की सलाह दी। विशेष रूप से उन्होंने बाल विवाह पर सख्त रुख अपनाते हुए कहा कि इस सामाजिक अपराध में केवल वर-वधू ही नहीं, बल्कि उनके माता-पिता और विवाह कराने वाला पंडित भी दोषी होगा। उन्होंने चेतावनी दी कि बाल विवाह के मामलों में कानूनी कार्रवाई की जाएगी और दोषियों को सजा भी भुगतनी होगी।
एसपी ने कहा, “समाज को शिक्षित बनाना ही सबसे बड़ी सुरक्षा है। हर व्यक्ति को चाहिए कि वह कानून का पालन करे और बालकों को समय पर शिक्षित कर उनके उज्ज्वल भविष्य की नींव रखे।”
चौपाल में बाल विकास विभाग, शिक्षा विभाग, राजस्व विभाग, स्वास्थ्य विभाग सहित अन्य विभागों के अधिकारी व कर्मचारी भी उपस्थित रहे और उन्होंने लोगों की समस्याएं सुनीं।
ग्रामीणों ने चौपाल की सराहना करते हुए कहा कि प्रशासन का इस प्रकार से गाँवों तक पहुँचना वास्तव में जन सेवा की मिसाल है।
आर के पटेल, समाचार तक



