
मड़ावरा (ललितपुर)
शिक्षा को केवल पाठ्यक्रम तक सीमित न रखते हुए पी.एम.श्री कंपोजिट विद्यालय बम्होरीकलां के शिक्षक बच्चों में रचनात्मकता और व्यवहारिक ज्ञान का समावेश कर रहे हैं। यहां अकादमिक पढ़ाई के साथ-साथ विद्यार्थियों को तकनीकी, सांस्कृतिक, खेल और प्रतिस्पर्धी परीक्षाओं की तैयारी का भी विशेष अवसर मिल रहा है।
विद्यालय में कंप्यूटर लैब का संचालन रविन्द्र सिंह निरंजन और रामसहाय द्वारा किया जा रहा है, जहां बच्चे आधुनिक तकनीकी शिक्षा के साथ डिजिटल स्किल्स सीख रहे हैं। वहीं लर्निंग बाय डूइंग की अवधारणा को साकार करने हेतु सुरेंद्र और अनुज द्वारा बच्चों से विभिन्न प्रोजेक्ट तैयार कराए जा रहे हैं, जिससे उनमें नई-नई स्किल्स का विकास हो रहा है।
महिला स्टाफ — नैन जैन, प्रियंका सोनी, नाहिद परवीन, दीपशिखा, रेखा और कल्पना — बच्चों की सांस्कृतिक, खेलकूद और टी.एल.एम. गतिविधियों के जरिए शिक्षा को रुचिकर और जीवंत बना रही हैं। संतोष और संभव विद्यालय में इको क्लब व स्वच्छता कार्यक्रम चला कर बच्चों को पर्यावरण संरक्षण व स्वच्छता का महत्व समझा रहे हैं।

इतना ही नहीं, विद्यालय में राष्ट्रीय आय एवं योग्यता आधारित परीक्षा (एन.एम.एम.एस.), विद्या ज्ञान व नवोदय जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं की कक्षाएं भी नियमित रूप से आयोजित की जा रही हैं। इसकी जिम्मेदारी अवनीश और प्रमोद नायक के साथ पूरे स्टाफ की सहभागिता से निभाई जा रही है।
विद्यालय परिवार का मानना है कि “शिक्षा का असली मकसद केवल किताबों का ज्ञान देना नहीं, बल्कि बच्चों को हर क्षेत्र में आत्मनिर्भर और सक्षम बनाना है।”
✍️ रिपोर्ट : आर.के. पटेल के साथ लक्ष्मण सिंह गौर
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