ललितपुर
31 अगस्त 1952 में मछुआ समाज की 578 जातियों को अंग्रेजों के बनाए हुए काले कानून से मुक्त हुए थे। बड़ा दुर्भाग्य है कि अंग्रेजों ने क्रिमिनल ट्राईब एक्ट इन्क्वारी कमेटी (एम.ए.अयांगर कमेटी) 1949-50 अत्याचार किया ही हैं। लेकिन भारत देश की प्रथम सरकार कांग्रेस ने भी इन जातियों का शौषण में कोई कसर नहीं छोड़ी, देश आजाद हुआ था। 15 अगस्त 1947 को तो क्या इन उजड़ी हुई। जातियों को फिर से नही बसाना चाहिए था, बसना था। लेकिन देश को आजाद कराने वाली निषाद, रैकवार, केवट, मल्लाह, कहार, कश्यप, गौड़, तुरैहा, मांझी, मझवार,धुरिया, बिंद, भरप, राजभर, बाथम, झूसी, झालो मालो, गोडिय़ा आदि मछुआ समाज की 578 जातियों को 5 साल 16 दिन बाद 31 अगस्त1952 को आजादी मिली। देश का पहला चुनाव भी मछुआ समाज के जेल में रहते हुए हुआ। जरा सोचो अगर इन जातियों। के रहते चुनाव हुआ होता तो इनका भी सत्ता में भागीदारी सुनिश्चित होती लेकिन सत्ता के लोभियों ने अपने जीवन स्वार्थ के लिए इनको सत्ता से वंचित कर दिया, जिसका परिणाम यह हुआ कि आजतक यह जातियां मुख्य धारा से कोसों दूर है। मेरा आप सभी वंचितों से आह्वान किया कि सत्ता से दूर रहने वालों मेरे साथ आयो ओर सत्ता में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करते हुए अपने बच्चों का ओर अपना भविष्य उज्वल करो, वह दिन दूर नहीं जब हम लोग बहुत जल्दी सत्ता में पहुंचने वाले हैं। मिशन 2027 जनपद ललितपुर में दोनों विधानसभा में सब पार्टी की तैयारी शुरू कर दी है। इस दौरान जिलाध्यक्ष महेश कश्यप के अलावा अनेकों पदाधिकारी मौजूद रहे।

रिपोर्ट –कमलेश कश्यप।



