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कर्नलगंज में हरे पेड़ों की कटाई का खुला खेल, वन माफियाओं का आतंक चरम पर जिम्मेदारों की चुप्पी से बेखौफ माफिया, पर्यावरण को हो रहा भारी नुकसान

कर्नलगंज में हरे पेड़ों की कटाई का खुला खेल, वन माफियाओं का आतंक चरम पर जिम्मेदारों की चुप्पी से बेखौफ माफिया, पर्यावरण को हो रहा भारी नुकसान

गोंडा, कर्नलगंज

कर्नलगंज क्षेत्र में वन माफियाओं का आतंक दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है। गोंडा-लखनऊ हाईवे के किनारे, विद्युत उपकेंद्र से सटी जलमग्न खातेदारी की सरकारी भूमि पर लगे हरे-भरे सागौन और सेमर जैसे प्रतिबंधित पेड़ों की अवैध कटाई खुलेआम की जा रही है। स्थानीय लोगों के अनुसार, यह पूरा गोरखधंधा वन विभाग और पुलिस की मिलीभगत से फल-फूल रहा है।

आरोप हैं कि कोतवाली से कुछ ही दूरी पर स्थित इस क्षेत्र में बिना किसी रोकटोक के दिनदहाड़े ट्रैक्टर-ट्रॉलियों में लकड़ी भरकर पुलिस पिकेट से होकर निकाली जा रही है, जबकि जिम्मेदार अधिकारी अनजान बने हुए हैं। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि कैसे प्रतिबंधित पेड़ काटे जा रहे हैं और उनकी ढुलाई हो रही है।

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स्थानीय लोगों का कहना है कि माफिया और ठेकेदारों की मिलीभगत से पर्यावरण को भारी नुकसान पहुंचाया जा रहा है। जलवायु परिवर्तन और बढ़ती गर्मी के इस दौर में यह कटान भविष्य के लिए गंभीर खतरा है। प्रशासन और शासन के तमाम आदेशों के बावजूद कार्रवाई न होना भ्रष्टाचार और उदासीनता का संकेत देता है।

इस मामले में जब वन विभाग के डीएफओ से बात की गई तो उन्होंने कहा कि वायरल वीडियो उनके संज्ञान में नहीं है, लेकिन जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

अब बड़ा सवाल यह है कि आखिर कब तक ऐसे अवैध कृत्य पर आंखें मूंदे बैठा रहेगा प्रशासन? क्या पर्यावरण सुरक्षा केवल कागज़ों तक सीमित रह जाएगी?

✍ब्यूरो- एम डी मौर्या,  समाचार तक, गोंडा

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