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मड़ावरा तहसील बनी भ्रष्टाचार का केन्द्र: खेत नाप एवज में लेखपाल एवं कानूनगो ने लिए पचास हजार रुपये लेने के लगाएं पीड़ित किसान ने आरोप, कास्तकार ने मड़ावरा उपजिलाधिकारी को शिकायती पत्र सौंप कर लगाई न्याय की गुहार,

पूर्व में भी तहसील बार संघ अधिवक्ताओं और क्षेत्र के कई किसानों द्वारा तहसील में बैठ अधिकारियों व कर्मचारियों पर लग चुके भ्रष्टाचार के आरोप जिला मुख्यालय तक शिकायत होने के वावजूद कार्यवाही नही होने कर्मचारियों के हौंसले पूरी तरह बुलंद

मड़ावरा / ललितपुर

 

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा समय-समय पर प्रदेश सरकार के अधीनस्थ विभागों में भ्रष्टाचार की शिकायते मिलने पर कर्मचारियों के विरुद्ध कार्यवाही करके कुछ हद तक प्रदेश के किसान,गरीब,शोषित,वंचित वर्ग के लोगो को राहत दी है। लेकिन कुछ विभागो में आज भी किसान,गरीब,शोषित,वंचित वर्ग लोगो के कार्य लेंन-देन के बगैर पूर्ण नही हो रहे है। लोगो द्वारा शिकायत करने बावजूद कार्यवाही नही होने से कर्मचारियों के हौंसले बुलंद है।

 

ऐसा ही मामला जनपद ललितपुर की तहसील मड़ावरा से सामने आया है जहां बीते 13 अक्टूबर के दिन मड़ावरा तहसील क्षेत्र गिदवाहा निवासी कास्तकार भगोला तनय गिल्ला अहिरवार ने उपजिलाधिकारी को एक ज्ञापन सौंपकर बताया कि प्रार्थी किसान द्वारा कई बार लेखपाल एवं कानूनगो से पैमाइश करने के लिए हाथ बिनती की लेकिन पैमाइश के नाम पर लेखपाल अयूब खान द्वारा तीस हजार, व राजस्व निरीक्षक बेदप्रकाश साहू द्वारा ने बीस हजार रुपये लिए गए और उसके बाद भी पैमाइश नही की तो किसान ने उपजिलाधिकारी मड़ावरा को एक शिकाती पत्र सौंपकर पैसे वापिस दिलाये जाने व उक्त आराजी माप किये जाने की गुहार लगाई।

प्राप्त जानकारी के अनुसार तेरह अक्टूबर को तहसील क्षेत्र के ग्राम गिदवाहा निवासी भगोला पुत्र गिल्ला ने उपजिलाधिकारी मड़ावरा चन्द्रभूषण प्रताप को शिकायती पत्र देकर बताया कि गॉव में उसकी आराजी संख्या में नाप होनी थी। नाप के एवज में विगत 26 मई को गॉव में तैनात लेखपाल आयूब खान द्वारा नाप के नाम तीस हजार रुपये लेने के वावजूद भी उसकी आराजी संख्या में नाप नही की गई। जिसके कुछ दिनों बाद खेतो मे फसल बोए जाने के कारण उसकी आराजी संख्या में नाप नही हो सकी। खेतो में से फसल की कटाई होने जाने पर वह फिर से नाप कराने के उद्देश्य से तहसील के चक्कर लगाने लगा,तभी विगत तेरह अक्टूबर को संबंधित कानूनगो द्वारा नाप के नाम पर बीस हजार रुपये लेकर नाप होने पर उक्त किसान ने उक्त किसान ने लेखपाल एवं कानूनगो से पैसे वापिस दिलाये जाने की गुहार लगाई। साथ ही शिकायती पत्र में बताया कि नाप होने होने के बाद उसने लेखपाल एवं कानूनगो से अपने पैसे वापिस मांगे तो वह जातिसूचक शब्दो के साथ गाली-गलौज करते हुए मारपीट करने करने पर आमादा हो गए

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पूर्व में भी तहसील कर्मचारियों पर लग चुके भ्रष्टाचार के आरोप

तहसील मड़ावरा में तैनात कर्मचारियों के विरुद्ध भ्रष्टाचार से संबंधित आरोप पहली बार नही लगे है। इससे पहले भी के बार अधिवक्ताओ ने अनेको बार उपजिलाधिकारी,जिलाधिकारी को पत्र के माध्यम से शिकायती पत्र देकर तहसीलदार एवं उनके कार्यालय में तैनात प्राइवेट व्यक्ति पर भ्रष्टाचार के गम्भीर आरोप लगाए। लेकिन कार्यवाही नही होने के चलते तहसील के प्रत्येक कर्मचारी के हौंसले बुलंद है और वो खुलेआम सुविधा शुल्क लेकर भी किसानों के कार्य सही तरीके से नही कर रहे है।

वही एक किसान दमोदर पटेल निवासी तहसील क्षेत्र रखवारा ने उपजिलाधिकारी से लेकर डीएम मंडलायुक्त गृहमंत्रालय और प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ तक को तहसीलदार के भरस्टाचार के खिलाफ शिकायती पत्र औऱ ज्ञापन दिए है,
लेकिन अभी तक कोई विशेष कार्यवाही न तो तहसील मड़ावरा में भरस्टाचार की रोकथाम और भर्स्ट अधिकारी कर्मचारियों पर की गई है,

 

  • रिपोर्ट- आर के पटेल
  • ललितपुर
  • #samachartak

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