कार्यवाही के बाद खुला पिटारा: अधीक्षक पर महिला स्वास्थ कर्मी उत्पीड़न से लेकर पत्रकार रोक तक के गंभीर आरोप, हंगामा पहले ही हो चुका था!
मड़ावरा सीएचसी में हंगामा: बेहोश युवक पर गार्ड की लाठियां, अधीक्षक के तुगलकी फरमान से पत्रकार नाराज

ललितपुर
मड़ावरा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) एक बार फिर विवादों में है। इस बार मामला न सिर्फ बेहोश युवक की पिटाई का है, बल्कि अधीक्षक के मनमाने तुगलकी फरमान और एम्बुलेंस से कर्मचारी की मौत तक जा पहुँचा है।
बेहोश घायल पर गिरी लाठियां
घटना उस वक्त सामने आई जब घायल युवक रोहित रजक एक्सीडेंट में गंभीर रूप से घायल होकर अपने भाई विशाल रजक के साथ सीएचसी मड़ावरा इलाज कराने पहुँचा। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, अधीक्षक अभिनाश कुमार के इशारे पर तैनात गार्ड ने युवक की जाति पूछी और इसके बाद बेहोश हालत में उस पर लाठियां बरसाईं। यह शर्मनाक कृत्य देखकर परिजन और स्थानीय लोग स्तब्ध रह गए।
प्रभावित पक्ष की तहरीर पर मड़ावरा पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया। आरोपी गार्ड को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया। मजेदार बात यह रही कि गार्ड एक पैर में जूता और दूसरे पैर में चप्पल पहनकर ही जेल की राह पकड़ गया।
पत्रकारों पर रोक का फरमान
मामला यहीं नहीं थमा। सूत्र बताते हैं कि इस घटना के बाद बौखलाए सीएचसी अधीक्षक अभिनाश कुमार ने अस्पताल परिसर में पत्रकारों के प्रवेश पर रोक का फरमान जारी कर दिया और दीवार पर नोटिस चिपका दिया। पत्रकारों ने इसका कड़ा विरोध किया और मामले की जानकारी उपजिलाधिकारी मड़ावरा को दी।
पुलिस से भी टकराव
हाल ही में पुलिस द्वारा अभियुक्तों को मेडिकल परीक्षण के लिए अस्पताल लाया गया, लेकिन अधीक्षक ने जानबूझकर जांच में देरी कराई। इससे नाराज पुलिस बल एकजुट होकर अस्पताल आ धमका और अधीक्षक की सिटी-पिटी गुल हो गई।
महिला कर्मी ने भी लगाए गंभीर आरोप
नए खुलासे में अस्पताल में कार्यरत एक महिला स्वास्थ्य कर्मी ने अधीक्षक अभिनाश कुमार पर उत्पीड़न और अशोभनीय व्यवहार के गंभीर आरोप लगाए हैं। कर्मचारियों में भी यह चर्चा आम है कि अधीक्षक दबाव बनाकर कार्य कराते हैं और प्रताड़ित करने का सिलसिला लगातार जारी है।
एम्बुलेंस ने ली कर्मचारी की जान
इसी अस्पताल की एक एम्बुलेंस ने हाल ही में महरौनी तहसील के विकलांग कर्मचारी अभिषेक सिंह को कुचल दिया, जिससे उसकी मौत हो गई। इस हादसे ने अस्पताल प्रबंधन पर और सवाल खड़े कर दिए हैं।
जनता में सवाल
लोगों का कहना है कि जब से मड़ावरा सीएचसी में यह अधीक्षक आया है, तब से दवाओं की चर्चा कम और दबाव, विवाद और प्रताड़ना की बातें ज्यादा सुनाई देती हैं। अब सवाल उठने लगे हैं कि यह अस्पताल स्वास्थ्य सेवाओं का केंद्र है या विवादों का अड्डा?
रिपोर्ट- लक्ष्मण सिंह गौर व राजू कुशवाहा (मड़ावरा)
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