
ललितपुर।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा प्रेरित “एक पेड़ मां के नाम” अभियान के तहत जिले में पर्यावरण संरक्षण और जनजागरूकता की दिशा में निरंतर प्रयास जारी हैं। इसी क्रम में क्रय-विक्रय सहकारी समिति परिसर में भव्य पौधारोपण कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित उत्तर प्रदेश राज्य निर्माण सहकारी संघ के निदेशक डॉ. प्रवीण सिंह जादौन ने समिति का भ्रमण कर सचिव से समिति की व्यावसायिक गतिविधियों की जानकारी प्राप्त की। साथ ही परिसर में विभिन्न प्रजातियों के पौधे रोपित किए।
संस्कृति और भावनाओं का प्रतीक है पौधारोपण : डॉ. जादौन
इस अवसर पर डॉ. जादौन ने कहा, “मां के नाम पर लगाए गए ये पौधे न केवल हमारी संस्कृति, परंपरा और संवेदनाओं का प्रतीक हैं, बल्कि भविष्य की पीढ़ियों के लिए स्वच्छ, हरित और स्वस्थ वातावरण भी सुनिश्चित करेंगे। हर नागरिक को इस अभियान से जुड़ते हुए कम से कम एक पौधा अवश्य लगाना चाहिए।”
पौधारोपण जीवनदायिनी परंपरा : बसंती लारिया
सहकारी विकास फेडरेशन ललितपुर-झांसी की अध्यक्ष बसंती लारिया ने पौधारोपण को जीवनदायिनी परंपरा बताते हुए कहा कि पेड़ न केवल हमें ऑक्सीजन प्रदान करते हैं, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए आशा, सुरक्षा और जीवन का संदेश भी देते हैं। मां के सम्मान में लगाए गए पौधे समाज में पर्यावरण के प्रति जिम्मेदारी निभाने की प्रेरणा देते हैं।
नीम, अशोक और गुलमोहर के पौधे रोपे गए
इस दौरान नीम, अशोक, गुलमोहर सहित विभिन्न प्रजातियों के पौधे समिति परिसर में रोपे गए। कार्यक्रम में उपस्थित सभी लोगों ने पौधों की देखभाल व संरक्षण का संकल्प लिया।
उत्साह के साथ जुटे जनप्रतिनिधि और सामाजिक कार्यकर्ता
पौधारोपण कार्यक्रम में सहकार भारती जिलाध्यक्ष विभूतिभूषण चौरसिया, संगठन प्रमुख धर्मसिंह कुशवाहा, महामंत्री कुंजबिहारी शर्मा, क्रय-विक्रय सहकारी समिति निदेशक ब्रजेश गुप्ता, हेमंत सेन, संदीप चौहान, मथुराप्रसाद सोनी, दिनेश कुमार नायक, शुभम जैन, मीना चौहान, रूपेश सोनी, नितिन सैनी, इंजी. जी.पी., अशोक कुशवाहा, हाकिम सिंह, राघवेंद्र सोनी, सुरेंद्र, सहित कई गणमान्य नागरिकों ने उत्साहपूर्वक सहभागिता कर पौधों के संरक्षण का संकल्प लिया।
हरित पर्यावरण के लिए मिलकर करें प्रयास
कार्यक्रम के दौरान सभी वक्ताओं ने लोगों से अपील की कि पौधारोपण को सिर्फ औपचारिकता न समझें, बल्कि हर पौधे को अपने बच्चे की तरह संरक्षित करें, ताकि भविष्य में हरित पर्यावरण साकार हो सके।



