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पाली चेयरमैन ने राज्यपाल को सौंपा ज्ञापन, नीलकंठेश्वर मंदिर कॉरिडोर समेत पर्यटन व जनहित की मांगें रखीं,

RK PATEL Journalist पाली चेयरमैन ने राज्यपाल को सौंपा ज्ञापन, नीलकंठेश्वर मंदिर कॉरिडोर समेत पर्यटन व जनहित की मांगें रखीं

ललितपुर (बुंदेलखंड)

बुंदेलखंड की प्राचीन धरोहरों और प्राकृतिक सौंदर्य को पर्यटन के नक्शे पर लाने की दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए पाली नगर पंचायत अध्यक्ष मनीष तिवारी ने हाल ही में उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल से भेंट कर एक मांगपत्र सौंपा। इस ज्ञापन में श्री नीलकंठेश्वर मंदिर कॉरिडोर निर्माण, पान किसानों की समस्याओं के समाधान और आदिवासी व कामगार वर्ग के हितों से जुड़ी कई अहम बातें रखी गईं।
धार्मिक और पर्यटन की धरोहरें उपेक्षित
पाली नगर जिला मुख्यालय ललितपुर से महज 25 किलोमीटर दूर स्थित है। यहां विंध्याचल की वादियों में स्थापित श्री नीलकंठेश्वर धाम, पहाड़ियों में उकेरी गई भगवान नरसिंह की विशाल रॉककट प्रतिमा, प्राचीन नगरी दूधई के शिव और विष्णु मंदिर तथा आदिनाथ भगवान की विराजमान प्रतिमा जैसी अमूल्य धरोहरें हैं। बरसात के मौसम में बहता च्यवन जलप्रपात और प्रसिद्ध च्यवन आश्रम सैलानियों को विशेष आकर्षित करता है।
श्रद्धालु बताते हैं कि नीलकंठेश्वर मंदिर की सीढ़ियों से जब बरसात में झरने का जल बहता है तो ऐसा प्रतीत होता है मानो भगवान शिव की जटाओं से गंगा प्रवाहित हो रही हो। बावजूद इसके, आज तक इन धरोहरों के संरक्षण और विकास की दिशा में अपेक्षित कार्य नहीं हुआ है।
राज्यपाल के समक्ष रखी गई प्रमुख मांगें
नगर पंचायत अध्यक्ष मनीष तिवारी ने राज्यपाल को सौंपे गए ज्ञापन में कहा कि पाली क्षेत्र की प्राचीन धरोहरें राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पर्यटन का केंद्र बनने की क्षमता रखती हैं। इसके लिए आवश्यक है कि—
श्री नीलकंठेश्वर मंदिर कॉरिडोर का निर्माण किया जाए।
क्षेत्र की अन्य धरोहरों को एकीकृत कर विशेष पर्यटन योजना (Tourism Plan) बनाई जाए।
पर्यटकों की सुविधा हेतु सड़क, प्रकाश व्यवस्था और पेयजल जैसी मूलभूत सुविधाओं का विस्तार हो।
पान किसानों की समस्या भी उठाई
पाली कस्बे के लगभग 200 परिवार पान की खेती करते हैं। चेयरमैन ने राज्यपाल को अवगत कराया कि परिवहन सुविधा ठप होने से किसान अपनी उपज को समय पर मंडियों तक नहीं पहुँचा पाते, जिसके चलते उन्हें सही दाम नहीं मिल पाता। नतीजतन पान की खेती से किसानों का मोहभंग हो रहा है। उन्होंने माँग की कि बस संचालन और परिवहन की सुविधाएं बहाल की जाएं ताकि किसानों की आजीविका सुरक्षित रह सके।
आदिवासी और कामगारों की भी चिंता जताई
ज्ञापन में यह भी कहा गया कि जंगलों पर आश्रित आदिवासी व कामगार लगातार अपने जीवन-निर्वाह के साधनों से वंचित हो रहे हैं। जो लोग जंगल से जड़ी-बूटी और अन्य सामग्री लाकर बाज़ार में बेचते हैं, उन्हें उसका उचित मूल्य नहीं मिल रहा। इन वर्गों के लिए विशेष योजनाएं बनाना आवश्यक है।
आस्था और पर्यटन को मिलेगा नया आयाम
नगर पंचायत अध्यक्ष ने राज्यपाल से मांग की कि यदि इन बिंदुओं पर गंभीरता से ध्यान दिया गया तो पाली क्षेत्र न केवल आस्था का प्रमुख केंद्र बनेगा बल्कि पर्यटन की दृष्टि से भी बुंदेलखंड का महत्वपूर्ण गंतव्य स्थापित होगा।

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By, RK PATEL Journalist
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