
ललितपुर
उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा राज्य के लगभग पांच हजार प्राइमरी स्कूलों को बंद करने के निर्णय के खिलाफ कांग्रेस पार्टी ने मोर्चा खोल दिया है। जिला कांग्रेस कमेटी ने इस फैसले को गरीब बच्चों के मौलिक अधिकारों पर हमला बताते हुए कड़ी निंदा की है और सरकार से तत्काल निर्णय वापस लेने की मांग की है।
कांग्रेस जिलाध्यक्ष डा. दयाराम रजक ने कहा कि यह नीति विशेष रूप से गरीब किसानों, मजदूरों और ग्रामीण परिवारों के बच्चों को प्रभावित करेगी। स्कूलों के विलय से कई बच्चों को दूरस्थ स्कूलों में जाना पड़ेगा, जिससे उनकी पढ़ाई बाधित हो सकती है या वे शिक्षा से पूरी तरह वंचित हो सकते हैं।
उन्होंने कहा कि, “यह निर्णय ‘सर्व शिक्षा अभियान’ और ‘सब पढ़ें, सब बढ़ें’ की भावना के बिल्कुल विपरीत है। सरकार को चाहिए कि वह शिक्षा को मजबूत बनाए, न कि स्कूलों को बंद कर उसे कमजोर करे।”
फैसला वापस नहीं तो होगा आंदोलन
कांग्रेस ने सरकार को चेताया है कि यदि यह फैसला तत्काल प्रभाव से वापस नहीं लिया गया, तो कांग्रेस प्रदेश भर में जोरदार आंदोलन करेगी। पार्टी नेताओं ने कहा कि भाजपा सरकार की यह नीति बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ है, जिसे किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जाएगा।
कांग्रेस नेताओं ने राज्य और केंद्र सरकार से की यह मांग:
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प्राइमरी स्कूलों को बंद करने का निर्णय वापस लिया जाए
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शिक्षा व रोजगार के अवसर बढ़ाने की दिशा में ठोस पहल की जाए
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सर्व शिक्षा अभियान को पुनः सशक्त बनाया जाए
ज्ञापन सौंपते समय उपस्थित कांग्रेस नेता:
जिलाध्यक्ष डा. दयाराम रजक के नेतृत्व में ज्ञापन सौंपने पहुंचे प्रतिनिधिमंडल में पूर्व प्रधान पं. शशिकान्त दीक्षित, पूर्व नगराध्यक्ष हरीबाबू शर्मा, पंकज हुण्डैत, मकरंद किलेदार विक्की, शिशुपाल नामदेव, ऊदल सिंह, आशीष दुबे, रामदेवी, रामनरेश दुबे, अजय प्रताप सिंह तोमर, असलम खान, नेहा, रंजना, राजेश नायक, मोनू, सीताराम राय, जावेद, बहादुर सिंह एडवोकेट सहित अनेकों कार्यकर्ता शामिल रहे।



