साडुमल में सड़क किनारे लगे कचरे के ढेर, खड़े रहते लावारिस पशुओं के झुंड, हो जाती दुर्घटनायें
कागजों में हो रही सफाई, डकारे जा रहे लाखों रुपये, अफसरों का नहीं कोई ध्यान

ललितपुर(मड़ावरा)
विकास खंड मड़ावरा क्षेत्र के ग्राम पंचायत साडूमल सड़क किनारे जगह-जगह पर कचरे के ढेर लगेे हुए हैं। ग्राम पंचायत की ओर से यहां सफाई करने के लिए कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। आलम यह है कि कूड़े -करकट के ढेर के कारण वहां पर लावारिसा पशुओं का डेरा लग रहा है जो कि वाहन चालकों के लिए भी परेशानी का कारण है। इसके अलावा जगह-जगह लगे हुए कचरे के ढेर गांव की सुंदरता को प्रभावित कर रहे हैं। पिछले लंबे समय से ही यहां की मुख्य सड़कों की कायदे से सफाई नहीं हो रही है। ऐसे में सड़क किनारे के वार्डों में गंदगी से बीमारियां पनपने की आशंका बढ़ती जा रही है। शहर में लगे गंदगी के ढेरों के कारण लोगों का व वहाँ से गुजरते लोगों का जीना दूभर होग गया है, जिन घरों के पास गंदगी के ढेर लगे हुए हैं उनको हर समय बदबू के कारण नर्क भरी जिंदगी जीने को मजबूर होना पड़ा रहा है। सुबह के समय जब लोग सैर करने के लिए निकलते हैं तो उनको शुद्ध हवा की जगह बदबू का सामना करना पड़ता है। गांव के विभिन्न सड़कों के किनारों पर लगे कूड़ों के ढेरों के कारण जहां लावारिस पशुओं की भरमार रहती है, वहीं तेज चलती हवाओं के कारण उड़ने वाला कूड़ा दुकानदारों व घरों के लोगों के लिए प्रदूषित हवा का कारण बनता है, जिस कारण लोगों को सांस की बीमारी सहित अन्य संक्रमण वाली बीमारियां लगने का डर रहता है।
बीमारियां फैलने का डर, उसी रास्ते से निकलते स्कूली बच्चे
इसी तरह स्कूली बच्चे जब इन कूड़ों के ढेरों के पास से निकलते हैं तो वे भी प्रदूषित हवा का शिकार हो जाते हैं। जिन लोगों को दमे की बीमारी है उनके लिए सड़कों के किनारों पर पड़ी मिट्टी व कूड़ा उनकी सास की बीमारी में बढ़ोतरी कर रहा है। सड़कों के किनारे पड़े कूड़ों के कारण लोगों को कई तरह की मुश्किलों का सामना करने को मजबूर होना पड़ रहा है।
इनका कहना है…
ग्राम पंचायत स्तर से गाँव में सफाई व्यवस्था रोजाना की जाती है, लेकिन स्थानीय घरों के लोगों द्वारा जानबूझकर सड़क किनारे कचड़ा डाल दिया जाता है, इन लोगों को कचड़ा व ढेर न लगाने के लिए भी बोला गया पर यह लोग मानने को तैयार नहीं।
कन्हैया कुशवाहा(ग्राम प्रधान साडुमल)



