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समाजसेवी युवाओं ने भारत की प्रथम शिक्षिका महिला सावित्रीबाई फुले को किया याद

समाजसेवी युवाओं ने भारत की प्रथम शिक्षिका महिला सावित्रीबाई फुले को किया याद

मड़ावरा (ललितपुर)

मड़ावरा स्थित अरिहंत फिलिंग स्टेशन पैट्रोल पंप के सामने रामकुमार कुशवाहा आर के निज निवास पर भारत की प्रथम शिक्षिका महिला माता सावित्रीबाई फुले की जन्म जयंती बड़े हर्षोल्लाह के साथ मनाई समाजसेवी युवाओं ने दीप प्रचलित एवं पुष्प चढ़कर उनके जीवन परिचय पर प्रकाश डाला। सुमन मौर्य ने बताया कि सावित्रीबाई फुले का जन्म 3 जनवरी 1831 को हुआ था उनके पिता का नाम खन्दोजी नेवेसे और माता का नाम लक्ष्मीबाई था सावित्रीबाई फुले का विवाह 1841 में ज्योतिबा फुले से हुआ था सावित्री फुले भारत के पहले बालिका विद्यालय की पहली प्रिंसिपल और पहले किसान स्कूल की संस्थापक थी। रामकुमार कुशवाहा आरके ने कहा ज्योतिराव जो बाद में ज्योतिबा के नाम से जाने गए सावित्रीबाई के संरक्षक, गुरु और समर्थक थे। सावित्रीबाई ने अपने जीवन को एक मिशन की तरह से जीया जिसका उद्देश्य था विधवा विवाह करवाना, छुआछूत मिटाना, महिलाओं की मुक्ति और दलित महिलाओं को शिक्षित बनाना। वे एक कवियत्री भी थीं उन्हें मराठी की आदिकवियत्री के रूप में भी जाना जाता था।इस अवसर पर सुमन मौर्य, जगत नारायन मौर्य, सम्राट सेना जिलाध्यक्ष रामकुमार कुशवाहा आरके, जिला उपाध्यक्ष नवल कुशवाहा, दीपक कुशवाहा, राजकुमार कुशवाहा जलंधर, महेश कुशवाहा जलंधर, छोटू कुशवाहा रखवारा, पर्वत राजपूत, नरेंद्र सिंह राजपूत, मनोहर पंथ,कुंवर अनिरुद्ध प्रताप कुशवाहा,अभिजीत कुशवाहा,दया कुशवाहा,कुमारी नेनपरी कुशवाहा, कुमारी जूली कुशवाहा,कुमारी पूजा कुशवाहा, कुमारी खुशबू कुशवाहा,आदि युवा समाजसेवी मौजूद रहे।

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रिपोर्ट– रामकुमार कुशवाहा (मड़ावरा)

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