
मड़ावरा (ललितपुर )
सरकार द्वारा करोड़ों रुपये खर्च कर गांवों में पक्की सड़कें बनाई जा रही हैं। पर सड़कें बनाने वाले ठेकेदारों द्वारा घटिया किस्म का मैटीरियल प्रयोग कर सरकार को करोड़ों रुपये का चूना लगाया जा रहा है। इस कारण राहगीरों को भी इन सड़कों के जल्दी टूटने के कारण भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इसकी ताजा मिशाल धौरीसागर और सौजना सड़क है।
धौरीसागर और सौजना सड़क का निर्माण कार्य प्रारंभ हुआ तो जिम्मेदार ठेकेदार की सबसे बड़ी लापरवाही सड़क निर्माण में देखने को मिली। मानो जैसे जिम्मेदार ठेकेदार आनन फानन में सड़क डाल रहा है। सड़क पर डाली गई गिट्टी और मिट्टी पर रोलर नहीं चलाया गया जिससे नीचे धूल के ढेर लगे हैं। अब उसी पर डामर बिछाई जा रही है। डामर की परत भी बहुत पतली होने के कारण उखड़ रही है। धौरीसागर और सौंजना सड़क के निर्माण में घोर लापरवाही शुरू हो गयी है ठेकेदार सीधे मिट्टी पर गिट्टी डालकर सड़क बना रहे हैं। जिसकी वजह से उसकी गुणवत्ता पर अभी से सवाल उठने लगे हैं जानकारों के मुताबिक इस तरह का निर्माण कार्य निर्धारित समय से पहले ही क्षतिग्रस्त हो जाएगा।
बारिश के दौरान धौरीसागर और सौंजना सड़क बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गयी थी। सड़क पर बड़े-बड़े गड्ढे हो गए थे। जिस पर चलना मुश्किल हो गया था। इस पर आए दिन दुर्घटनाएं होने से लोगों ने इसको बनाने के लिए जनप्रतिनिधियों व अधिकारियों को शिकायती पत्र सौंपे। जिसके बाद इसका निर्माण कार्य प्रारंभ हुआ।
लोक निर्माण विभाग की निगरानी में यह सड़क बनाई जा रही है। कार्यदायी संस्था लापरवाही कर रही है। मिट्टी हटाए बिना ही गिट्टी व तारकोल की परत बिछाई जा रही है। जिसका बहुत जल्द उखड़ना तय है। यह देखकर अब ग्रामीणों ने आंदोलन की रणनीति बनायी है। वह जिला मुख्यालय जाकर सड़क के नमूने की जांच आईटीआई से कराने की मांग उच्चाधिकारियों के समक्ष उठाएंगे।

रिपोर्ट–रामकुमार पटेल RK के साथ कमलेश कश्यप (मड़ावरा)



